बरेली। वर्ष 2010 के दंगे के मास्टरमाइंड ठहराए गए मौलाना तौकीर रजा अभी तक अदालत में पेश नहीं हुए हैं। धारा 82 के तहत पुलिस ने उनके आवास पर कुर्की नोटिस पहले ही चस्पा कर चुकी है। अब मौलाना के पास एक महीने का वक्त है। अगर वह 30 अप्रैल तक हाजिर नहीं हुए तो कुर्की की कार्रवाई हो सकती है।
बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां की मुश्किलें फिलहाल कम होती नजर नहीं आ रही हैं। धारा 82 के तहत प्रेमनगर पुलिस ने उनके आवास पर कुर्की का नोटिस पहले ही चस्पा कर दिया था। अब मौलाना के पास एक माह यानी 30 अप्रैल तक का समय है। इस दौरान मौलाना अदालत में हाजिर नहीं हुए तो पुलिस कुर्की के लिए अर्जी देगी।
वर्ष 2010 के दंगे के मास्टरमाइंड बताए जा रहे मौलाना तौकीर रजा अभी तक अदालत में पेश नहीं हुए हैं। सोमवार को जिला जज की अदालत में इस केस की सुनवाई थी, लेकिन मौलाना हाजिर नहीं हुए। पुलिस की तरफ से अदालत को बताया गया कि मौलाना को काफी तलाशा, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उनके घर पर धारा 82 के तहत कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। अदालत ने इस मामले में अब 20 अप्रैल की तारीख लगाई है।
अदालत की तरफ से इस मामले में चार आरोपियों मौलाना तौकीर, अबरार, आरिफ व वसीम के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किए गए थे। इनमें मौलाना को छोड़कर तीनों आरोपी जेल जा चुके हैं।
न्यायालय की ओर से एक अप्रैल को धारा 82 के तहत नोटिस जारी किया था। कानून के जानकारों की मानें तो नोटिस के बाद आरोपी को एक माह तक का समय दिया जाता है। ऐसे में 30 अप्रैल तक अगर मौलाना अदालत में हाजिर नहीं हुए तो पुलिस धारा 83 के तहत कुर्की वारंट मांगेगी।
अगले 10 दिन मुश्किल भरे
20 अप्रैल को पुलिस को अदालत में यह बताना होगा कि मौलाना की कुर्की की उद्घोषणा के बाद पुलिस ने क्या प्रयास किए? इसके तहत पुलिस अब मौलाना के इलाके में घर के पास डुगडुगी भी बजवा सकती है। अभी तक मौलाना को कहीं से कोई राहत नहीं मिल सकी है। इससे साफ हो गया है कि मौलाना को अब अदालत में हाजिर होना होगा।