बरेली। उच्च न्यायालय के आदेश पर अब शीघ्र होगी कार्रवाई होने के आसार नजर आ रहे हैं। लगभग नौ वर्ष पूर्व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक पद पर बरेली के 428 पदों पर पदोन्नति की गई थी। जिसमें 123 प्रधानाध्यापकों ने पदभार ग्रहण कर लिया था और 305 ने कार्य भार ग्रहण नहीं किया था। इसी बीच पदोन्नति को आधार बनाकर कई अध्यापक उच्च न्यायालय की शरण में चले गए थे। जिस कारण विभागीय आदेश का पालन कर कार्यभार ग्रहण करने वाले प्रधानाध्यापकों का वेतन नहीं लग पाया और न ही चयन वेतनमान प्राप्त हो सका, जिस कारण ऐसे प्रधानाध्यापक जिन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया था उनका वेतन अपने अधिनिस्थ सहायकों से कम हो गया था। जिसकी लड़ाई पिछले 9 वर्षों से ये 123 प्रधानाध्यापक लड़ रहे हैं।
वेतनमान लेने के लिए भी रामनगर के मोरपाल एवं रामावतार पांडे लगातार न्यायालय में अपना पक्ष रख रहे थे, वहीं बरेली के ही इन 123 अध्यापकों में से एक राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक लाल बहादुर गंगवार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार एवं प्रदेश सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार के माध्यम से कई बार अपना पक्ष जिलाधिकारी और कमिश्नर के साथ विभागीय उच्च अधिकारियों से मिलकर रख चुके हैं। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक एवं बेसिक शिक्षा मंत्री के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया गया था इतने लंबे अंतराल के बाद अब उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल कोर्ट के आदेश पर इन 123 शिक्षकों के बारे में चुनाव समाप्त होने के बाद कोई आदेश जारी कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद उच्च प्राथमिक स्तर के प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति का रास्ता साफ हो जाएगा। वहीं इन 123 प्रधानाध्यापकों जो 9 वर्ष पूर्व में पदोन्नति प्राप्त कर चुके थे उनकी भी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
इस प्रकरण पर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक लाल बहादुर गंगवार ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से इस संबंध में विस्तृत वार्ता की है, सचिव प्रताप सिंह बघेल ने उन्हे बताया है कि इस संबंध में उनकी पूरी टीम लगातार प्रयासरत है और चुनाव के पश्चात जिले स्तर पर शीघ्र आदेश निर्गत कर दिया जाएगा।