जिले में चल अचल संपत्ति घोषित करने के दायरे में 111 सरकारी विभागों में 28 हजार से ज्यादा कर्मचारी
बरेली। ऐसा लगता है कि राज्य कर्मचारियों को अपने वेतन मिलने की चिंता नहीं है अगर उन्हे अपने वेतन की चिंता जरा सी भी होती तो सरकार के स्पष्ट आदेश के बाद सभी अपनी चल -अचल संपत्ति का ब्यौरा अभी तक दे चुके होते। जिले में 111 सरकारी विभागों में 28 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है। कोषागार विभाग के शत् -प्रतिशत कर्मचारियों ने मानव संपदा पोर्टल पर ब्यौरा फीड कर दिया है।
कलेक्ट्रेट-तहसील के कर्मचारियों में से 95 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही ब्यौरा दर्ज कराया है। लोकनिर्माण विभाग व नगर,नगर पंचायत नगर पालिका और नगर निकायों ने भी शत् प्रतिशत कर्मचारियों ने ब्यौरा फीड नहीं किया है। जिस कारण कोषागार में बिल न लगने की वजह से वेतन रोका गया है। इसके पीछे कुछ कर्मचारियों का कहना है कि पोर्टल पर सर्वर की धीमी रफ्तार भी इसकी एक वजह है।
फिर भी सूत्रों के अनुसार जिन कर्मचारियों ने पोर्टल पर अपना ब्योरा दर्ज करवा दिया है उनके खाते में चार पांच दिन में वेतन पहुंच जायेगा ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है। शासन स्तर से कर्मचारियोंं को कई बार मोहलत देने के बाद भी मानव संपदा पोर्टल पर ब्यौरा न देने पर वेतन रूकने के साथ ही विभागीय जांच और विजिलेंस जांच भी कराई जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
मानव संपदा पोर्टल के सर्वर की धीमी रफ्तार
शासन के निर्देश के बाद 31 अगस्त तक मानव संपदा पोर्टल पर चल अचल संपत्ति का ब्यौरा दर्ज करने की समय सीमा निर्धारित की गई थी। पोर्टल के सर्वर की धीमी रफ्तार से कई कर्मचारियों का ब्यौरा दर्ज नहीं किया जा सका था वहीं पोर्टल पर ब्यौरा देने वाले अफसर कर्मचारियों का पांच छह दिन में वेतन जारी होने की संभावना जताई जा रही है। कोषागार कर्मचारियों ने शत्-प्रतिशत ब्यौरा दर्ज करा दिया है।
कलेक्ट्रेट और तहसील के कर्मचारियों की बात करें तो यहां पर 95 प्रतिशत कर्मचारियों ने ही ब्यौरा दर्ज कराया है। वहीं लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, नगर निकाय, नगर पंचायतों ने भी ब्यौरा दर्ज कराने में लेटलतीफी बरती जा रही है जिस कारण कोषागार से बिल सममिट न होकर वेतन रोका गया है।