बरेली। बेसिक शिक्षा परिषद के एक विद्यालय के एक हेड मास्टर के प्रयास द्वारा आखिरकार 50 साल बाद कब्जा तो हटाया जा सका। लेकिन अब विद्यालय को जुआरियों और स्मैकियों ने अपना अड्डा बना लिया है जिससे कब्जा मुक्त विद्यालय में एक बार फिर छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण व्यवस्था को बनाये रखने में विद्यालय के मास्टर साहब को तमाम परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय समय के बाद विद्यालय परिसर की दिवालें फांदकर जुआरी और स्मैकिये विद्यालय में प्रवेश कर जाते है और अपना का शुरू कर देते हैं।
आपको बता दे की नगर क्षेत्र बरेली में प्राथमिक विद्यालय ब्रह्मपुर प्रथम विद्यालय में दो लोगों ने लगभग 50 वर्षों से कब्जा कर रखा था, इस विद्यालय में न जाने कितने ही अध्यापक आए और चले गए लेकिन किसी भी अध्यापक द्वारा उन लोगों को विद्यालय से नहीं निकाला जा सका। लेकिन साल 2023 में इस विद्यालय में एक अध्यापक तहसीन खां आए और उन्होंने नगर शिक्षा अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी को इस कब्जे के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद दिनेश चंद्र जोशी की निडरता और हेड मास्टर तहसीन खां के निरंतर विद्यालय को कब्जा मुक्त करने के अथक प्रयास के चलते आखिरकार विद्यालय को उन दोनों लोगो के अवैध कब्जे से कब्जा मुक्त कर लिया गया।
लेकिन अब इस विद्यालय में जुआरियों और स्मैकियों ने अपना अड्डा बना लिया है, क्योंकि विद्यालय परिसर की दीवार इतनी नीची है कि आसानी से उसे कूद कर परिसर में प्रवेश किया जा सकता है और परिसर में बने भवनों के अंदर बैठकर जुआरी और स्मैकिये अपने कार्य को अंजाम देते रहते हैं। इसके लिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक तहसीन खा द्वारा नगर शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र भी दिया गया लेकिन मौजूदा नगर शिक्षा अधिकारी ने इस पर अभी तक कोई भी संज्ञान नहीं लिया है।
फिलहाल विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अंदेशा है कि यदि कोई त्वरीत कार्रवाई नहीं की गई तो विद्यालय के पूरी तरीके से असुरक्षित होने के कारण विद्यालय के ताले कभी भी तोड़े जा सकते हैं और विद्यालय में रखे अभिलेख भी चुराए जा किया जा सकते हैं।