Thursday, December 5, 2024
spot_img
Homeउत्तर प्रदेशडीबीटी के जरिए धनराशि अभी तक पहुंची नहीं, फिर भी विभाग बच्चों...

डीबीटी के जरिए धनराशि अभी तक पहुंची नहीं, फिर भी विभाग बच्चों के ड्रेस पहने हुए फोटो अपलोड करने का शिक्षकों पर बना रहा है दबाव

बरेली। परिषदीय विद्यालयों में 2024-25 में नवीन नामांकित बच्चों को डीबीटी के जरिए मिलने वाली धनराशि के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। क्योंकि अधिकांश ऐसे बच्चे अभी भी रह गए हैं जो पूर्व से विद्यालय में पठन-पाठन कर रहे हैं और उनकी धनराशि उनके अभिभावकों के खाते में नहीं पहुंच सकी है। इसके पीछे विभागीय सूत्र बताते हैं कि खंड शिक्षा अधिकारी स्तर से विद्यालय द्वारा भेजी गई।

सूचना को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय तक नहीं भेजा जा सका है जिस कारण डीवीडी के माध्यम से प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए विभाग द्वारा भेजी गई 1200 रुपए की धनराशि बच्चों के अभिभावकों को प्राप्त नहीं हो सकी है। विभाग की हिलावली के चलते लगभग 5 महीने बीतने वाले है लेकिन अभी भी डीबीटी के माध्यम से सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को ड्रेस, जूता, मौजा, स्टेशनरी, स्वेटर आदि की धनराशि नहीं प्राप्त हो पाई है। बात अगर नवीन छात्रों की करें तो नवीन छात्रों के बारे में विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। आखिर सरकारी योजनाओं का धरातल पर क्या हाल है ।

यह डीबीटी के माध्यम से भेजी जाने वाली गरीब बच्चों के लिए धनराशि से ही पता चल सकता है वहीं दूसरी तरफ विभाग बार-बार विद्यालयों को निर्देश दे रहा है कि सभी बच्चों के ड्रेस में फोटो डीबीटी ऐप पर अपलोड किए जाएं, जब विभाग ही संपूर्ण बच्चों की धनराशि उनके अभिभावकों के खाते में भिजवाने में सक्षम नजर नहीं आ रहा तो आखिर अध्यापक बच्चों का ड्रेस में फोटो कैसे अपलोड कर दें यह एक बड़ा सवाल है इसका जवाब देने के लिए कोई भी विभाग का अधिकारी आगे आकर कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है।

इस प्रकरण में सर्वप्रथम विभाग को डीबीटी ऐप में आ रही तकनीकी कमियों को दूर कराना चाहिए। क्योंकि प्रत्येक शिक्षक का सॉफ्टवेयर का माहिर होना जरूरी नही है, इसके लिए विभाग को समय-समय पर ऐप में आ रही तकनीकी समस्याओं के लिए शिक्षकों के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन संवाद स्थापित करना चाहिए। विद्यालयों में कई ऐसे बच्चे है जिनके अभिभावकों का खाता सीडेड है लेकिन फिर भी ऐप पर अनसीडेड आ रहा है। इन तकनीकी समस्याओं का समाधान विभाग ही करा सकता है, शिक्षक नही।


What's Your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!