बरेली। शहरी किराना दुकान दारों के लिए दिपावली चुनौतीपूर्ण रहने वाली है, क्योंकि सामान्य व्यापार वितरकों ने जुलाई से बिक्री में 25-30% महीने-दर-महीने गिरावट दर्ज की है, जबकि भारत की सबसे बड़ी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनियों ने बिक्री में लगातार वृद्धि की रिपोर्ट दी है, ऐसा कैसे हो सकता है, ये समझ से परे ही नजर आती है। सीई की बिक्री एक साथ बढ़ गई है, डाबर और नेस्ले जैसी कुछ नामी कंपनियों ने इन कीमतों में सुधार के संकेत दिए हैं, लेकिन बड़ी दौड़ में देश के 13 मिलियन किराना स्टोर वार्षिक एफएमसीजी बिक्री में 85-87% का योगदान देते हैं, देश के तमाम शहरों में उपभोक्ता की बदलती खरीदारी की आदतों के अनुरूप, सामान्य व्यापार में इन्वेंट्री में कमी आई है, हालांकि किराना एफएमसीजी के लिए सबसे बड़ा चैनल बना हुआ है। पैकेज्ड फूड निर्माता नेस्ले के चेयरमैन सुरेश नारायणन ने कहा है कि हम सामान्य व्यापार में कुछ इन्वेंट्री को फिर से कैलिब्रेट करने पर विचार कर रहे हैं।
जिसकी ईकॉमर्स बिक्री जुलाई-सितंबर में सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी, उन्होंने कहा कि, “ईकॉमर्स कॉमर्स बिक्री अब हमारी कुल घरेलू बिक्री का 8.3% योगदान देती है, जिसमें त्वरित वाणिज्य का योगदान 50% है।” तिमाही के दौरान, मुख्य अधिकांश एफएमसीजी कंपनियों की 35% ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से हो रही है, पिछले 4 महीनों में सामान्य व्यापार में 10% कम व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुएं स्टॉक में आईं हैं, वहीं मैगी नूडल्स और नेस्कैफे कॉफी के निर्माता ने अपनी ईकॉमर्स बिक्री में 38% की वृद्धि देखी है, नारायणन ने कहा है कि, सामान्य व्यापार काफी अच्छा चल रहा है ईकॉमर्स बहुत अच्छा चल रहा है… हमारे लिए सभी चैनल महत्वपूर्ण हैं।
भारत में करीब 13 मिलियन किराना स्टोर हैं, जहां एफएमसीजी उत्पाद वितरित किए जाते हैं, ये दुकानें बिक्री में करीब 85% का योगदान देती हैं। खास तौर पर ग्रामीण बाजारो में खरीदारी करने वाले उपभोक्ता इससे वंचित रहे, क्योंकि उनकी आमदनी शहरी क्षेत्र के लोगों की अपेक्षा कम होती है फिलहाल इस दीपावली पर बाजार उस रौनक में नजर नहीं आई, जिस रौनक में कुछ साल पहले नजर आती थी।