सुदामा चरित्र सुनकर भीगे श्रोताओं के नयन
बरेली। शहर के मिनी बाइपास कर्मचारी नगर स्थित कृष्णा होम्स कॉलोनी में चल रही सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिवस कथा व्यास आचार्य दिव्य कृष्ण शास्त्री ने सातों दिवस में हुई कथा का सार निकालते हुए बताया कि अनेकानेक योनियों में जन्म लेने, कष्ट भोगने के बाद मानव जन्म मिलता है हमें इसे व्यर्थ नहीं गंवाना है। प्राणी को सद्गति तभी प्राप्त होती है जब भगवत कृपा हो। भगवत कृपा तभी संभव है जब प्राणी निर्मल मन से प्रभु को भजते हुए सद्कर्मों में लगा रहता है।
कथा व्यास ने जब सुदामा चरित्र का वर्णन किया तो लोगों के नैनों में अश्रु धारा बह चली उन्होंने सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता और निश्छल प्रेम के विषय में बताया कि जब प्रेम में निश्चलता होती है तो बिना याचना के भी प्रभु भंडार भर देते हैं, जैसे सुदामा के भरे। वहीं सुनाया कि शुकदेव जी द्वारा परीक्षित को सात दिवसीय कथा का रसपान कराया गया जिसके बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।
उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने वाले तो पुण्य के भागी होते ही हैं लेकिन उसको पूरी श्रद्धा से श्रवण करने वाले भी निश्चित रूप से पुण्य के सहभागी होते हैं। कथा में नत्थू लाल शर्मा, सचिन शंखधार, विनय कुमार, संजय सिंह, घनश्याम जायसवाल, पूर्णप्रकाश शर्मा, कुलभूषण शर्मा, अंकित, मुदित, सत्यदेव शर्मा आदि काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का आनंद लिया। (आज) सोमवार को भंडारा प्रसादी का आयोजन किया जाएगा।