बरेली। सदर तहसील उपजिलाधिकारी गोविंद मौर्य ने खेतों में पराली ना जलाने को लेकर बरेली के उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी संजय कुमार और एडीओ कृषि और टीम के दस टीएसी को सख्त दिशा निर्देश देते हुए कहा कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए समस्त कृषि अधिकारियों, नायब तहसीलदार, कानूनगो और लेखपालों पाराली को न जलने को लेकर सख्त निर्देश दिए जिसमें जनपद में पराली जलाने की दो घटनाएं हुई हैं।
ग्राम स्तरीय समिति के सदस्यों के साथ गांव के बड़े काश्तकारों और कंबाइंड मशीन वालों के साथ वार्ता करके यह सुनिश्चित कर लें कि किसी भी दशा में पराली न जले, यदि पराली जलती है तो संबंधित काश्तकार के खिलाफ सम्मानिधि पर रोक, जुर्माना लगाने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी जबकी यदि किसी गांव में एक से अधिक पराली जलाने की घटना आएगी तो संबंधित ग्राम स्तरीय समिति के सभी सदस्यों के खिलाफ भी कार्यवाही होगी जिसके लिए केवल और केवल उसे समिति के सभी सदस्य जिम्मेदार होंगे।
इसलिए व्यापक प्रचार प्रसार करके यह सुनिश्चित कर लें कि आपके लेखपाल क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति पराली ना जलाएं।सीएक्यूएम के अनुसार, पराली का खेत में ही निस्तारण या किसी दूसरी जगह ले जाकर प्रबंधन करना होगा। पराली जलाने पर अंकुश लगाना प्रशासन और कृषि विभाग की चुनौती से कम नहीं है। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने सभी उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और खंड विकास अफसरों के माध्यम से सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए है। किसान रथ के माध्यम से जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
ग्राम पंचायतों की चौपालों पर गोष्ठी का आयोजन कर पराली न जलाने को कहा जा रहा है।वहीं खेतों पर नजर रखने के लिए सेटेलाइट और ड्रोन क मदद से निगरानी रखे जाने के संबंधित अफसरों को निर्देशित किया गया है। इसके बाद भी यदि किसानों की मनमानी पर अंकुश नही लगा और पराली जलती पाई जाती है तो जुर्माना वसूली के साथ ही एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है।।