बरेली। कोविड अस्पताल में निःशुल्क सिटी स्कैन के लिए तमाम मरीज आते रहते हैं। लेकिन खास बात यह है कि इस अस्पताल में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर न जाने किस कोने में गुम हो गई हैं कि वह दिखाई नहीं देते मजबूरन एंबुलेंस वाले को अपनी एंबुलेंस की सीट के माध्यम से ही मरीज को अस्पताल के अंदर तक पहुंचाया जाता है।
अस्पताल प्रशासन जब तक मरीज अंदर नहीं आ जाता तब तक कहीं दिखाई नहीं देता, जैसे उन्हें मालूम हो कि सामने आने पर मरीज के तीमारदार स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की बात न करने लगें, इसीलिए मुंह छुपाए अस्पताल प्रशासन दाएं बाएं लगा रहता है, जब मरीज संबंधित वार्ड या केविन में पहुंच जाता है तब बड़ी जिम्मेदारी के साथ अस्पताल प्रशासन के डॉक्टर वार्ड बॉय नर्सिंग स्टाफ सामने निकल कर आ जाते है।
और कोशिश करते हैं किसी वजह से इस मरीज का इलाज उन्हें न करना पड़े, इस लिए ही तो स्ट्रेचर और व्हीलचेयर छुपा दी जाती है। जब मरीज को डॉक्टर तक पहुंचाने का साधन ही नहीं होगा तो जाहिर सी बात है तीमारदार किसी अन्य अस्पताल में ले जाने की बात जरूर कहने लगेंगे, लेकिन जो निसाहय और गरीब व्यक्ति होते हैं वह इन अस्पतालों को ही अपने जीवन का आधार मानते हैं, इसलिए ही तो अधिकांश तीमारदार अपने मरीज को गोद में उठाकर डॉक्टर तक ले जाते हुए दिखाई पड़ते हैं।