बरेली सिरौली। थाना क्षेत्र के ग्राम गिरधरपुर में बीती रात एक दलित के घर उसकी दो बेटियों की एक साथ आई बारात में बाबा साहब अम्बेडकर के गाने बजाना बरातिया और कन्या पक्ष के लोगों को महंगा पड़ गया। गाना बजाने से बौखलाए गांव के ठाकुर बिरादरी के लोगों ने न सिर्फ अपनी गली से बरात को नही निकलने दिया बल्कि बरात घुड़ चढ़ी भी नहीं होने दी। इसके बाद कन्या पक्ष की शिकायत के बाद पुलिस ने दलित की बेटियों की बरात निकलवायी।
आज के समाज मे हर तरफ छुआछूत जैसी कलंकित प्रथा को दूर करने के लिए न सिर्फ समाज में अनेकों संगठन कम कर रहे हैं ,बल्कि भारत की राजनीतिक पार्टियों भी संविधान के मुताबिक समाज में सारे कार्यक्रम करने की बात कहती हैं।
लेकिन आज भी समाज के कुछ तबको में हजारों साल पहले की एक विचारधारा उनके दिमाग से नहीं निकल पा रही है। वह आज भी अपनी दबंग विचारधारा के बल पर समाज के दबे -कुचले लोगों को न सिर्फ हैं हीन भावना से देखते हैं, बल्कि उनके सांस्कृतिक और वैवाहिक कार्यक्रमों में भी अड़चनें पैदा कर रहे हैं ।
ऐसा ही एक मामला सिरौली थाना क्षेत्र के ग्राम गिरधरपुर में शुक्रवार को सामने आया, जो इस बात को सोचने को मजबूर करता है कि आज के भौतिकवादी और वैज्ञानिक युग में भी लोगों की मानसिकता बदल नही पा रही है, और वह आज भी अपनी रूढ़िवादी सोच को लेकर जी रहे हैं।
गिरधरपुर गांव के नरेश सागर की दो बेटियों की बृहस्पतिवार को बारात आई थी बड़ी बेटी की बरात दिन में और छोटी बेटी की बारात रात में आनी थी। बताते हैं, बड़ी बेटी की बरात दिन में लगभग 4 बजे गिरधरपुर गांव पहुंची और गांव के पहले से बरात बैंड बाजों के साथ चढ़ने लगी। बताते हैं इसी दौरान बैंड बाजे में अंबेडकर से संबंधित गाना बजा दिया। जिसका गांव के ठाकुर समाज के एक दर्जन युवकों ने विरोध कर दिया और कहा कि यदि अंबेडकर जी के गाने बजाओगे तो इस मोहल्ले से होकर बरात नहीं चढ़ेगी। इस दौरान बरतिया और गांव के ठाकुर समाज के लोगों के साथ नोक झोक हो गई। बताते हैं इस समय तो बरातियों ने चुपचाप बैंड- बाजे बंद कर बरात को जनमासे तक ले गए।
इसके बाद नरेश की दूसरी बेटी की बारात भी गांव पहुंच गई, और वह लोग भी बरात को चढ़ाने लगे बताते हैं इस दौरान गांव के ठाकुर समाज की लोगों ने इस बरात को अपने मोहल्ले से निकलने से ही मना कर दिया। तब दोनों पक्षों में काफी तनाव बढ़ गया लड़की पक्ष की तरफ से 100 डायल को सूचना दी गई। चौकी बड़गांव प्रभारी राजेश रावत मौके पर पहुंच गये। पुलिस ने हालातो को समझकर तुरंत ही दूसरी बेटी की भी बरात मोहल्ले से निकलवा कर उनके जनमासे तक पहुंचवा दी और रात भर नरेश के घर पुलिस तैनात कर दी।
पुलिस ने नरेश से कहा अभी बरात से निपटा लो, सुबह उन लोगों से निपट लेंगे। नरेश ने बड़ी बेटी की विदा बृहस्पतिवार की रात में ही कर दी जबकि छोटी बेटी की विदाई शुक्रवार को दोपहर में कर दी। शाम को दोनों पक्ष चौकी बड़गांव में एकत्र हुए, इस दौरान एसुस सिरौली प्रयागराज सिंह भी पहुंच गए और दोनों पक्षों की बात सुनकर फैसला कर दिया। नरेश के बेटे प्रेम सिंह ने बताया कि पुलिस ने उनसे कहा भविष्य में अंबेडकर के गाने नहीं बजाओगे और ठाकुर समाज के लोगों से कहा कि किसी की बरात नहीं रोकोगे। पुलिस ने बिना कार्रवाई के ही दोनों पक्षों को समझा बुझाकर घर भेज दिया।
दोनो में सुलह हो गई, ठीक है, लेकिन सवाल यह है कि, बिना कार्रवाई के दूसरे पक्ष को घर भेज कर उनके हौसले पुलिस ने बुलंद नहीं कर दिए। अब तो वह यह समझ गए कि इस तरह की कोई घटना दोबारा करेंगे तो, फिर फैसला हो जाएगा। फिलहाल खबर लिखे जाने तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
” गिरधरपुर गांव से रात एक बरात में कुछ लोगों द्वारा शराब पीकर बदतमीजी करने की सूचना मिली थी। जिस पर हम लोग मौके पर पहुंचे थे और बरात को चढ़ावा दिया है। दोनों पक्षों में कुछ मनमुटाव था। उसे आज बैठाकर सुलझा दिया गया है,अब गांव में कोई विवाद नहीं है ।