मानुष पारीक मतलब भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस
बरेली। शासन ने मंगलवार दोपहर को तीन आईपीएस अफसरों के तबादले कर दिए। 2020 बैच के आईपीएस अधिकारी मानुष पारीक को एसपी सिटी बरेली बनाया गया है। उनके स्थान पर 2021 बैच की आईपीएस अंशिका वर्मा को एसपी साउथ बरेली बनाया है। अंशिका भी सहायक पुलिस अधीक्षक गोरखपुर से बरेली आई हैं। काफी लंबे समय बाद बरेली को एक ऐसा एसपी सिटी मिला है।
जिसकी कार्यशैली और व्यवहार के सभी कायल हैं। बरेली में लंबे समय से तैनात रहे किसी भी एसपी सिटी के खाते में एक भी उल्लेखनीय उपलब्धि नहीं है।राजस्थान के मूल निवासी मानुष पारीक इससे पहले गोरखपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक भी रहे हैं। एसएसपी अनुराग आर्य भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रहे हैं। इसी वजह से एसपी मानुष पारीक उनके विश्वासपात्र सहयोगियों में से हैं। एसएसपी के निर्देश पर 22 अगस्त को एसपी साउथ मानुष पारीक ने फरीदपुर इंस्पेक्टर के कमरे पर छापा मारकर 10 लाख रुपये कैश बरामद किया था।
इसमें इंस्पेक्टर रामसेवक थाने की दीवार कूदकर फरार हो गया था। इंस्पेक्टर के खिलाफ फरीदपुर थाने में ही मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस कर्मी सस्पेंड हो चुके हैं। एसपी साउथ मानुष पारीक की ईमानदारी और विश्वसनीयता की वजह से एसएसपी अनुराग आर्य ने उन्हें शेर अली जाफरी और विजय शर्मा के केस की जिम्मेदारी सौंपी। एसपी साउथ को शहर के मुकदमे की एसआईटी गठित कर उसकी जिम्मेदारी दी।
छात्रों के साथ डी फार्मा की फर्जी डिग्री देकर आरोपियों ने 3.69 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। एसपी मानुष पारीक ने शेर अली जाफरी और उसके बेटे फिरोज अली जाफरी को जेल भेज दिया। एसएसपी ने विजय शर्मा पर ईनाम घोषित किया है। बरेली के एसपी सटी रहे राहुल भाटी का पांच दिन पहले शासन ने लखनऊ में यूपी एसएसएफ का सेनानायक बनाया था। उन्हें बरेली से रिलीव कर दिया गया है।