तहसीलदार से लेकर मुख्यमंत्री तक, सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर की थी शिकायत
बरेली। दूरदर्शन केंद्र बरेली के सामने हाइवे पर स्थित शांतिकुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज पिछले 25 वर्षों से संचालित किया जा रहा है। शांतिकुंज विद्यालय श्रद्धा एजुकेशनल सोसाइटी के नाम से रजिस्टर्ड है। इस विद्यालय में लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं के साथ अन्य विभागीय परीक्षाओं एवं बोर्ड परीक्षा का अयोजन लगातार होता रहा है।
लेकिन जमीनी विवाद को लेकर स्कूल प्रबंधक और उनके भाई राजेश शर्मा और उसकी पत्नी इंदू शर्मा एवं राकेश शर्मा ने अपने 10-12 अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर कांधरपुर गांव की तहसील बरेली सदर के संक्रमणिय भूमिधर शांतिकुंज बालिका हायर सेकेंडरी स्कूल कांधरपुर की उपाध्यक्ष सोमवती शर्मा पत्नी बी.डी शर्मा जो बरेली के मणिनाथ के रहने वाले के नाम से कूटरचित षड्यंत्र कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर विद्यालय समिति की जमीन को बिना किसी की सहमति के एक पक्षीय आदेश फर्जी कथनों और भू-माफियाओं के साथ मिलकर।
माननीय न्यायालय को धोखा देकर संस्था की संपत्ति पर जनवरी में वदनियति से सोमवती की विरासत दर्ज करा ली। जबकि ये जमीन सोमवती की थी ही नहीं इस प्रकरण में डॉक्यूमेंट्री फर्जीवाड़ा हुआ था जो कि जानबूझकर पूरे षडयंत्र के साथ योजनाबद्ध तरीके से किया गया था इस प्रकरण को लेकर शांतिकुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज के सचिव की ओर से न्यायालय में पुनर्स्थापन के लिए मुकदमा दायर किया गया था। एक ओर शिकायतकर्ता ने अपने अन्य 10-12 साथियों के साथ मिलकर शांतिकुंज गर्ल्स इंटर कॉलेज की भूमि को फसली दिखाकर कूटरचित तरीके से फर्जी कागजात तैयार करके धोखाधड़ी से विरासत दर्ज करा ली थी।
आरोप है कि राकेश शर्मा की पुलिस विभाग में अच्छी खासी पकड़ है जिस कारण संस्था की जमीन को फसली दिखाकर विरासत में दर्ज कराने में इनके अतिरिक्त श्रीकांत शर्मा, अलौकिक शर्मा, गुलाब नगर झिगरी का राकेश सिंह प्रजापति, बभिया का महेंद्र कश्यप, मढ़ीनाथ के जगमोहन सिंह, दीपक यादव, आकाश यादव के अतिरिक्त अन्य 8-10 साथियों में दो शांतिकुंज विद्यालय के पड़ोसी जिन्होंने भू माफिया गवाह मुहैया कराने में आरोपियों की मदद कर ये फर्जीवाड़े को पूरी प्लानिंग के तहत कूटरचित तरीके से विद्यालय की संपत्ति को खुर्द बुर्द कर बेचने का षड्यंत्र किया था।
विद्यालय प्रबंधन ने इसकी शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक लखनऊ, आयुक्त बरेली, जिलाधिकारी, आईजी पुलिस ,एडीजी, एडीएम ,एसडीएम और तहसीलदार सदर बरेली के अतिरिक्त कई प्रशासनिक अधिकारियों से की गई थी। इस प्रकरण को लेकर न्यायालय में पुनर्स्थापना प्रार्थना पत्र दायर किया गया था, जिस पर माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुए 5 सितंबर को एक पक्षीय आदेश को खारिज करते हुए संस्था की भूमि को पुनर्स्थापित करने का आदेश पारित कर दिया।
जिसके आधार पर खसरा खतौनी पर भी आदेश को अंकित कर दिया गया है। इस कूटरचित षणयंत्र कर फर्जी डॉक्यूमेंट्री में राजेश शर्मा व उनके अन्य सहयोगियों पर थाना कैंट में विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच में पुलिस जुट गई है। अब लगता है कि शिक्षण संस्था की जमीन को लेकर फर्जीबाड़ा करने वाले आरोपियों के खिलाफ बहुत जल्द पुलिस का शिकंजा करने वाला है।