शिक्षकों से कहा गया कि वह विद्यालय में पहुंचकर छात्र-छात्राओं को जल की अनिवार्यता के विषय में विस्तार से बताएं जिससे जल की बर्बादी को रोका जा सके
बरेली। जल जीवन मिशन का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। यह कार्यक्रम अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करेगा, जैसे कि ग्रे वाटर मैनेजमेंट, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग। जल जीवन मिशन पानी के लिए सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है।
और इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं। जल जीवन मिशन को लेकर क्यारा ब्लॉक के सभागार में एक प्रशिक्षण आयोजित किया गया इस प्रशिक्षण में प्राइवेट संस्था एपिनवेंटिव टेक्नोलॉजीस की प्रशिक्षण दाता लकी मिश्रा ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि जल जीवन मिशन में सरकारी विभागों के तमाम अधिकारी कर्मचारियों को लगाया गया था।
लेकिन मिशन को सफल बनाने में उतनी सफलता नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी इसीलिए अब इस मिशन में शिक्षकों को जोड़ा गया है क्योंकि शिक्षक माता-पिता से ऊपर माना गया है एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को जब जल को संरक्षित और इसकी बर्बादी को रोकने के लिए प्रेरित करेगा तब निश्चित ही उनके विद्यार्थी घर जाकर अपने परिवार के सदस्यों को जागरूक करेंगे जिससे समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा और मिशन को निश्चित ही कामयाबी प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि जल हमारे लिए और हमारी आने वाले पीढ़ी के लिए इस पृथ्वी पर रह सके, इसके लिए हमें ही पूरे मनोयोग से लगना होगा और समाज में जागरूकता लानी होगी। क्योंकि जल ही जीवन है, जल नहीं तो कल नहीं इस अवसर पर संस्था की तरफ से राहुल शर्मा, वीरेंद्र सागर का विशेष सहयोग रहा।