Thursday, December 5, 2024
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Homeउत्तर प्रदेशसंत नही तो संतोषी बन जाओ : आचार्य रमाकान्त दीक्षित

संत नही तो संतोषी बन जाओ : आचार्य रमाकान्त दीक्षित

सहस्त्रचण्डी यज्ञ की पूर्णाहूति के साथ भागवत कथा का विश्राम्

बरेली। श्री भागवत सेवा समिति के तत्वावधान में कृष्णानगर कालोनी में चल रहे सहस्त्रचण्डी यज्ञ एवं श्रीमद् भागवत महापुराण के विश्राम दिवस पर सुप्रसिद्ध कथा व्यास आचार्य रमाकान्त दीक्षित ने भगवान श्रीकृष्ण के सभी विवाहों के बारे में बताया इसके साथ-साथ सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष की कथा भी सुनाई उन्होने कहा मित्रता में कोई छोटा बड़ा नहीं होता कैसे द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पैर दौड़ पडे और द्वार पर पहुँच गये, सुदामा ने भगवान से कुछ भी नहीं मांगा फिर भी द्वारिकाधीश ने सुदामा को तीनो लोको का स्वामी बना दिया। परीक्षित मोक्ष की कथा सुनाते हुये कहा कि मरना सात दिनों में ही है।

इसलिए बुद्धिमान लोग परिक्षित की भाँति मुक्ति के साधन खोजते हैं। भागवत कथा श्रवण के पश्चात परीक्षित के मन से मृत्यु का भय समाप्त हो गया और इधर तक्षक ने एक पुष्प में बैठकर राजा परीक्षित को डस लिया और राजा का शरीर वहीं पर शांत हो गया। इसके पश्चात फूलो की होली खेली गई, संगीतमय भजनों पर भक्तों ने जमकर नृत्य किया। भागवत पूजन कर कथा को विश्राम दिया गया।
मीडिया प्रभारी एड़वोकेट हर्ष कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रातःकालीन सत्र में सहस्त्रचण्डी


यज्ञ की पूर्णाहूति हुई। यज्ञाचार्य मोहित शास्त्री ने शास्त्रोक्त विधि-विधान से मां भगवती का आहवान, पूजन कर यज्ञ सम्पन्न कराया। बीते 7 दिनों में सभी यजमानों, भक्तों ने व्रत रखकर आचार्य के निर्देशन में यज्ञ में आहूतियां अर्पित कीं। आचार्य ने बताया कि सहस्त्रचण्डी यज्ञ राजराजेश्वरी मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए किया गया। यज्ञ की पूर्णाहूति के अवसर पर राष्ट्र, समाज व जन-जन के लिए मंगलकामना की गयी।
इस अवसर पर सीताराम मोहता, रामदयाल मोहता, राजीव अग्रवाल बूरा वाले, प्रवीन अग्रवाल, विपर्णा गौड़, बार एसोसिएशन सचिव वीरेन्द्र प्रसाद ध्यानी, नन्दकिशोर भगत, एड़ीजीसी सुनील कुमार पाण्डेय, दीपेश अग्रवाल, नवीन अग्रवाल, विवेक मित्तल, श्याम बिहारी गोयल, निशांत अग्रवाल, मीडिया प्रभारी एड़ हर्ष कुमार अग्रवाल, पंकज भारद्वाज, सुभाष अग्रवाल, विजय कमांडो, पार्षद गरिमा कमांडो, छाया दीक्षित, देव दीक्षित, अनुराग अवस्थी समेत काफी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।

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