बहेड़ी। रिछा स्थित संघटक राजकीय महाविद्यालय में हिन्दी दिवस को हिन्दी सप्ताह के रूप में मनाया गया। पूरे सप्ताह विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, हिन्दी सप्ताह के समापन के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हिन्दी विभाग तथा समाजशास्त्र विभाग द्वारा सयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्याल के प्राचार्य डॉ. केके तिवारी ने मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्ज्वलित कर के किया।
डॉ सोनम नारायण सहायक आचार्य अंग्रेजी विभाग ने कार्यक्रम में उपस्थित अथितिगण का अपने स्वागत वक्तव्य से स्वागत वंदन किया।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया। निर्णायक मंडल ने प्रत्येक प्रतियोगिता के प्रतिभागियों का मूल्यांकन करके उन्हे प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान देकर विजेता घोषित किया।
काव्य पाठ प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार दीपक बीए प्रथम सेम. द्वितीय पुरस्कार अभिषेक, तृतीय पुरस्कार श्वेता पटेल को दिया गया। मौलिक विचार अभिव्यक्ति प्रतियोगिता में प्रथम स्थान वर्षा गंगवार बीए तृतीय सेम, द्वितीय स्थान प्राची बीए प्रथम सेम व तृतीय स्थान सुमन बीएससी तृतीय सेम. को दिया गया। रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राशि और संघमित्रा, द्वितीय स्थान मानवी और आरती वा तृतीय स्थान मंजू और सोनम रही।
पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान नगमा, द्वितीय स्थान पूजा कश्यप व तृतीय स्थान नीलम मौर्य।
सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य ने सभी विजेताओं को पुरस्कृत करके सम्मानित किया तथा प्रत्येक प्रतिभागी को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान करके सभी को उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामनाएं दी। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्राचार्य ने संबोधित करते हुए कहा कि हम केवल हिन्दी दिवस, सप्ताह या पखवाड़े तक सीमित न रहे, उसे अपने जीवन ही नहीं बल्कि कार्य व्यवहार, संवाद की भाषा के रूप में आत्म साथ करें। हिन्दी हमारी राजभाषा है, राज भाषा समृद्धशाली, सर्वसुलभ, सर्वग्राही बने ऐसे प्रयास न केवल संस्थान से हो बल्कि सामाजिक संस्थान एवम समाज को भी इसमें अपनी अहम भूमिका का निर्वाहन करना होगा।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया की निश्चित रूप से वर्तमान समय बहुभाषी होने का है लेकिन अपनी मातृभाषा राजभाषा के साथ हम भारतीय भाषाओं का अध्ययन करे, सीखे आवश्यकता पड़े तो विदेशी भाषाओं को भी सीखे क्यों की भाषाएं केवल बोल चाल, विचार विनिमय का माध्यम ही नही बल्कि विचारो, संस्कृतियों की धरोहर का संगम है।
राजभाषा हिंदी को समृद्ध बनाने के लिए प्राचार्य ने युवाओं का आवाह्न करते हुए कहा कि हम सबको पुस्तको को पढ़ने, लिखने, समीक्षा, करने के क्षेत्र में आगे आना होगा तभी राजभाषा हिन्दी वैश्विक पटल पर कदम से कदम मिला चल सकेगी।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समाज शास्त्र विभाग की सहायक आचार्य डॉ मीनम सक्सेना द्वारा रचित पुस्तक का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ धीरेंद्र कुमार पाण्डेय ने किया तथा निर्णायक मंडल में डा अनंत प्रकाश डा ज्योति रस्तोगी डा अनुपम प्रताप सिंह डा सचित कुमार ने अहम भूमिका का निर्वाहन किया। कार्यक्रम में विभिन्न संकायों के शिक्षक गण विद्यार्थी गण उपस्थित रहे, डॉ गीता ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।