अभिभावकों की सहमति लेने का कार्य स्कूल स्तर पर किया जायेगा शुरू
बरेली। केन्द्रीय एवं नवोदय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की तरह अब यूपी के भी सभी प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की अब ‘अपार’ यूनिक आईडी बनाई जायेगी। 12 अंकों का ‘अपार’ (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी आधार से लिंक होगा। यह प्रदेश के प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के वर्तमान पीईएन (पेन) नम्बर का स्थान लेगा। इससे सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की शैक्षिक प्रगति एवं उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी। साथ ही डिजिलॉकर की सहायता से सभी एकेडमिक अभिलेख को वेरिफाइएबल।
क्रिडेंशियल के रूप में प्राप्त हो सकेंगे। इसके अलावा स्कूल से इतर भी बच्चों का चिन्हीकरण किया जा सकेगा। छात्र-छात्राओं की शैक्षिक यात्रा तथा उनके अंकपत्र आदि का विवरण स्वतः अपार आईडी में सुरक्षित हो जायेंगे। केन्द्रीय और नवोदय विद्यालयों की भांति ही यू-डायस पोर्टल के माध्यम से अपार आईडी के सृजन की व्यवस्था की जायेगी। अपार आईडी बनाए जाने का कार्य विद्यालय स्तर से ही लॉगिन करते हुए किया जाएगा। बीते 20 सितम्बर को केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के मिलने के बाद महानिदेशालय स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा ने यह कदम उठाया है।
बुधवार को स्कूली शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के नाम सर्कुलर जारी किया है। जारी सर्कुलर की खास बात यह है कि इसमें निर्देश दिए गए हैं कि इसके लिए बच्चों के माता-पिता या अभिभावक के साथ पैरेंट-टीचर मीटिंग उन्हें इस योजना के लाभ बताया जाये। साथ ही उनके आधार भी एकत्र किए जाये। इसके अलावा उनसे अपार आईडी संबंधित सहमति पत्र पर लिखित रूप सहमति प्राप्त करने को कहा गया है। साथ ही सहमति पत्र को स्कूल में ही संरक्षित रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।