बरेली। केंद्र सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दी है, जो सरकारी कर्मचारियों को “सुनिश्चित पेंशन और सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन” प्रदान करेगी यह नई योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है और यह सेवानिवृत्ति लाभ की एक परिभाषित योजना का वादा करती है, जो मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से काफी अलग है, जो बाजार-आधारित है। लेकिन यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में गारंटी देती है, बशर्ते कि उन्होंने कम से कम 25 वर्षों की सेवा पूरी कर ली हो जिनकी सेवा अवधि 10 से 25 वर्ष होगी, उनके लिए पेंशन की राशि सेवा अवधि के अनुपात में होगी इसके अतिरिक्त, यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को कर्मचारी की पेंशन का 60 प्रतिशत प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है, जिससे आश्रितों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके है।
आपको बता दें कि यूनिफाइड पेंशन योजना उन कर्मचारियों के लिए डिज़ाइन की गई है जिनकी सेवा अवधि लंबी है और यह स्थिर सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। यह योजना उन कर्मचारियों के लिए अधिक प्रभावी होगी जो 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त होंगे, जिसमें किसी भी बकाया का भुगतान भी शामिल होगा। दूसरी ओर, एनपीएस उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती है जिन्होंने 1 अप्रैल 2004 के बाद सेवा में प्रवेश किया, और इसमें कर्मचारी के मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान आवश्यक होता है।
जिसे सरकार द्वारा 14 प्रतिशत योगदान से मिलान किया जाता है। फिल्हाल यूनिफाइड पेंशन योजना की शुरुआत सरकारी कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की तुलना में एक अधिक सुरक्षित और पूर्वानुमानित सेवानिवृत्ति योजना प्रदान करती है,जबकि एनपीएस लचीलापन और उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करती है, यूनिफाइड पेंशन योजना के सुनिश्चित लाभ और योगदान की आवश्यकता न होने के कारण यह उन लोगों को अधिक आकर्षित कर सकती है जो सेवानिवृत्ति में वित्तीय सुरक्षा की तलाश में हैं। अब देखना होगा कि पुरानी पेंशन की मांग करने वाले तमाम कर्मचारी संगठन इस समय पेंशन योजना को किस नजरिए से देखते हैं और इस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया आने वाले समय में सरकार के सामने रखते हैं।
जब तक पुरानी पेंशन के अंतर्गत दी जाने वाली सुविधायें बहाल नही की जाती तब तक पुरानी पेंशन के शिक्षक अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। नई पेंशन और यूपीएस में कोई विशेष अंतर नहीं है, सभी कर्मचारियों के साथ शिक्षकों पुरानी पेंशन में दी जाने वाली सुविधाओं से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है।