कागजों में ही दिख रही है, अफसरोंं द्वारा बताई हुई स्मार्ट सिटी की
बरेली। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी योजना अमल में आने से पहले ही धराशाही होती हुई नजर आ रही है। इसका नजारा अगर देखना हो तो बरेली नाथ नगरी में आकर कोई भी देख सकता है। बरेली शहर में बुधवार शाम से हो रही बारिश ने सडक़ों के हालातों की पोल खोल दी है, इसी के साथ बरेली के अब तक के सबसे स्मार्ट मेयर कहे जाने वाले डॉक्टर उमेश गौतम के दूसरे कार्यकाल की भी पोल खोल कर रख दी है।
स्मार्ट सिटी का दावा करने वाले नेताओं और अधिकारियों की बात केवल हवा हवाई ही नजर आती है। एक तरफ बरेली को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने से शहरवासियों में उत्साह की उमंग जाग उठी थी लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि यह स्मार्ट सिटी का सपना उन्हें सामान्य जिलों से भी नीचे की श्रेणी में ले जाकर खड़ा कर देगा। आज बरेली का वह हाल है कि बरेली से छोटे शहर के रहने वाले नगरवासी बरेली को देखकर अपने आप को खुशनसीब समझ रहे हैं।
बरेली को स्मार्ट कहा जा रहा है लेकिन हालात इसके उलट हैं
स्मार्ट सिटी बरेली शहर का ऐसा कोई वार्ड नहीं बचा है, जिसमें सड़कों पर गहरे-गहरे गड्ढे न हो, जिनके कारण आम जनमानस को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए तमाम मुसीबत का सामना करना पड़ता है। इसकी सच्चाई मोहल्ले व कॉलोनी में जाकर देखने पर साफ देखी जा सकती है। दो दिन से शहर में हुई बारिश ने सडक़ों पर चढ़ा स्मार्ट सिटी का मेकअप उतार दिया है। शहर की पॉश कॉलोनी रामपुर गार्डन, राजेंद्र नगर, सीबीगंज समेत कई जगह बारिश के कारण बिजली का भी फ्यूज उड़ गया।
दो दिन से शहरवासी कटौती से परेशान रहे। आपको बता दें कि शास्त्री नगर और चक मेहमूद से लेकर मौर्य वाली गली में जलभराव की समस्या पहले की तरह बरकरार थी और उस पर बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए। वहीं सिटी स्टेशन रोड पर चौपला से किला पर जाने वाली रोड की हालत बहुत ही खराब हो गई है। उधड़ी हुई सडक़ों ने लोगों को दिक्कतों में डाल दिया है। दो दिन की बारिश ने शहर में आफत खड़ी कर दी। अधिकारियों के दावे केवल कागजों पर ही नजर आए जमीनी हालात कुछ और बयां कर रहे हैं।
इसके अलावा सरकारी दफ्तरों, एसएसपी ऑफिस, कलेक्ट्रेट, डीएम आवास, जिला अस्पताल समेत अन्य स्थानों पर जलभराव की समस्या रही। बरसात में उड़ा बिजली का फ्यूज
आंधी और बारिश के बीच बिजली आपूर्ति का भी फ्यूज उड़ गया। पेड़ और बिजली के खंभे गिरने से आपूर्ति ठप हो गई। देर रात तक बूंदाबांदी जारी रहने से फॉल्ट ठीक भी नहीं किए जा सके। बुधवार शाम चार बजे के करीब आंधी के साथ बारिश शुरू होने के बाद एहतियातन कई जगह आपूर्ति बंद कर दी गई।
इसके बाद भी जगह-जगह फॉल्ट हुए। बसंत विहार कॉलोनी में ११ केवी लाइन का खंभा गिर गया। गनीमत रही कि कोई इसकी चपेट में नहीं आया। सबसे ज्यादा समस्या सुभाषनगर, मढ़ीनाथ, किला उपकेंद्र के इलाकों में रही। मिशन और कैंट उपकेंद्र के इलाकों में भी पेड़ों की टहनियां गिरने से लाइनें ब्रेक डाउन हो गईं। सिविल लाइंस और चौपला में ट्रांसफार्मर के केवल जलने व जंपर उडऩे के कारण समस्या रही। शहर के नीचले इलाके बने तालाब तेज बारिश ने एक बार में व्यवस्थाओ की पोल खोल दी है।
बारिश के बाद पुराने शहर के कई इलाकों में लोगों को घंटो गलियों में हुए जलभराव से जूझते रहे। कई रास्तों पर तो घुटनों तक पानी भर गया। यहां से गुजरने वाले लोग नगर निगम को कोसते हुए नजर आए। बारिश के बाद सबसे बुरा हाल मलूकपुर, जसौली, आजमनगर, हजियापुर, सूफी टोला, कटरा चांद खां, रबड़ी टोला आदि जगह लोगों को अधिक दिक्कतें उठाना पड़ी। वहीं सीवर लाइन और नाले चोक होने की वजह से बारिश के बाद कई-कई फिट पानी भर गया।