बरेली। पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए जिला प्रशासन ने बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनात किया है जिसके चलते अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा हो गया है। आपको पता नहीं की निपुण भारत मिशन के चलते प्रत्येक विद्यालय को निपुण बनाने की प्रक्रिया इस समय परिषदीय विद्यालयों में गतिमान है, लेकिन समय-समय पर तमाम ऐसे कार्य इन शिक्षकों से लिए जाते हैं
जिस कारण शिक्षक विद्यालय में अपना सर्वत्र देने में असफल रहते हैं। कभी इन शिक्षकों से मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए डोर टू डोर सर्वे कराया जाता है, तो कभी पुलिस भर्ती जैसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इन शिक्षकों की ड्यूटी लगा दी जाती है। जिस कारण शिक्षक विभागीय कार्य को छोड़कर अन्य कार्यों में ही अपना आधे से ज्यादा समय व्यतीत करते रहते हैं। जिस कारण उनके द्वारा विद्यालय में पूरा समय बच्चों को नहीं दिया जा पाता और निपुण भारत मिशन की रफ्तार धीमी होने के साथ कई विद्यालय में रुक भी जाती है।
इस मिशन की रफ्तार जानने के लिए अधिकारियों द्वारा बार-बार विद्यालयों का दौरा किया जाता है और दौर में स्पष्ट कहा जाता है कि यदि आपके विद्यालय को निपुण नहीं बनाया जा सका, तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सवाल यह खड़ा होता है कि जिस विद्यालय के शिक्षकों को पढाने के लिए तैनात किया गया है उन से विभाग से हटकर अन्य कार्य क्यों लिए जाते हैं ऐसी दशा में शिक्षकों का क्या दोष है कि विद्यालय निपुण हुआ या नहीं यह तो प्रशासन जाने क्योंकि जिला प्रशासन भी तो शिक्षकों से विभाग से इतर अन्य काम दे रहा है।