बरेली। जिला अधिकारी बरेली रविंद्र कुमार ने अभी कुछ माह पहले बीएसए ऑफिस के औचक निरीक्षण के दौरान बीएसए संजय सिंह को साफ निर्देश दिए थे कि कोई भी शिक्षक ड्यूटी टाइम में किसी भी कार्यालय पर घूमता हुआ न पाया जाए, अन्यथा की स्थिति में उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अब परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने आदेश जारी कर कहा है कि अब शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए उन्हे मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। विभाग ने विद्यालय, ब्लॉक, जिला व मंडल स्तर पर ही उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जनसुनवाई पंजिका तैयार की जायेगी। इसमें कर्मचारी की समस्या और उसके समाधान की समय सीमा को भी निर्धारित किया जायेगा। वहीं इसकी निगरानी के लिए एक अधिकारी भी तैनात किया जाएगा। उन्होंने आदेश में कहा है कि विभाग के शिक्षकों-कर्मचारियों को वरिष्ठता, विद्यालय में उपस्थिति, वेतन-एरियर भुगतान, मृतक आश्रित की नियुक्ति, अधिकारियों के खिलाफ मामले आदि को लेकर विद्यालय से मुख्यालय तक के चक्कर काटने पड़ते हैं। जबकि विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी, बीएसए व संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर पर ही उनकी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। वहीं कई बार विना साक्ष्य के भी शिकायतें की जा रही हैं। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इसकी एक व्यवस्था बनाने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि विद्यालय, ब्लॉक, जिला व मंडल स्तर पर जनसुनवाई पंजिका बनाई जाए। इसमें शिकायतों के समय से निस्तारण की व्यवस्था हो और उसे दर्ज किया जाए। इसके लिए एक अधिकारी भी नामित किया जाए। शिक्षकों कर्मचारियों को यह सूचित करें कि उनकी शिकायतों का समाधान स्थानीय स्तर पर होगा, इसके लिए निदेशालय में पत्राचार न करें। उन्होंने कहा है कि सीधे निदेशालय को शिकायतें भेजने से यहां का प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित होते है। ऐसे में स्थानीय स्तर पर शिकायतों का निस्तारण करें और इसका रिकॉर्ड भी रखें, ताकि कामकाज को सुगम और बेहतर बनाया जा सके। आवश्यकता पड़ने पर उच्च स्तर की समीक्षा में इसको प्रस्तुत किया जाए। महानिदेशक ने यह भी कहा है कि इसका पालन न करने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। शिक्षक कर्मचारी भी इसका पालन सुनिश्चित करेंगे।
शिक्षकों की शिकायत का अब तत्परता से निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए अलग व्यवस्था बनाई जाएगी। शिकायत निस्तारण करके शिक्षकों को जानकारी भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की विद्यालय स्तर पर ही निपटने वाली शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से वह ब्लॉक से लेकर शासन स्तर तक अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं। शासन का कहना है जिले से निपटने वाली शिकायत शासन स्तर पर तमाम आ रही हैं। इससे वर्कलोड बढ़ रहा है। महानिदेशक कंचन वर्मा ने पत्र लिखकर कहा है कि शिकायतों को देखकर लगता है कि जिले स्तर पर गंभीरता से निस्तारण नहीं किया जा रहा है। इसीलिए इस नई व्यवस्था को लागू किया जाएगा।
तमाम शिक्षकों और शिक्षक नेताओं की प्रतिक्रिया
महानिदेशक स्कूली शिक्षा का शिक्षक और कर्मचारी हित में यह एक अच्छा कदम है। अगर जिले के अधिकारियों द्वारा इस आदेश का अक्षरशः पालन किया जाए तब यह पता चल सकेगा कि महिला शिक्षिकाओं को सीसीएल की स्वीकृति मिलने में कितनी दिक्कतों का सामान करना होता है। हालांकि यह स्थिति किसी से छुपी नही है – योगेश गंगवार प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय बादशाह नगर।
शिक्षकों की समस्याओं के लिए महानिदेशक स्कूली शिक्षा द्वारा बहुत ही अच्छा कदम है महानिदेशक की इस पहल से शिक्षकों के हो रहे शोषण को न केवल कम किया जा सकेगा बल्कि पूरी तरह समाप्त भी किया जा सकता है लेकिन अधिकारियों को इस आदेश का पालन पूरी निष्ठा से करना होगा – योगेंद्र गंगवार, जिला उपाध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ बरेली।
जनसुनवाई पंजिका बनाने से एक तरफ शिक्षक अपना कार्य विद्यालय में पूर्ण रूप से कर सकेंगे उन्हें अपनी समस्याओं के लिए इधर-उधर भटकना नहीं होगा साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण तय समय अवधि के अंदर हो जाएगा। यदि यह नियम सही रूप में लागू हो जाता है तो महानिदेशक महोदया बाक्य ही बधाई की पात्र होंगी – नरेश गंगवार, प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ।