चिकित्सा सुविधा न मिलने की वजह से सरकार पर भड़के शिक्षामित्र, अनुदेशक
बरेली। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में एक-एक एजुकेटर की भर्ती की प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलने वाली है। यह भर्ती प्रक्रिया आउटसोर्सिंग के माध्यम से प्रतिमाह 10313 रुपये के मानदेय पर की जायेगी। इस चयन प्रक्रिया में 30 सितंबर तक जेम पोर्टल से होगी। महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा ने इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखा है। इन एजुकेटरों का मुख्य कार्य तीन से छह वर्ष के बच्चों को औपचारिक शिक्षा के लिए तैयार करना होगा। इनके चयन के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जायेगा। वहीं इस समिति में डायट प्राचार्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला सेवायोजन अधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को सदस्य तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। एजुकेटरों के पदों के लिए आवेदक की योग्यता के बारे में आदेश में कहा गया है कि आवेदक किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक परीक्षा गृह विज्ञान मुख्य विषय के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। वही आरक्षित वर्ग के लिए 45 प्रतिशत अंक होने अनिवार्य है। इसी के साथ आवेदक की आयु एक जुलाई 2024 को 18 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। खास बात यह है कि इन एजुकेटरों को पीएफ और ईएसआई की सुविधा दी जायेगी। जो कि अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को प्राप्त नहीं है। यही नहीं बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को भी अभी तक चिकित्सा सुविधा के नाम पर न ही कैशलेस सुविधा और न ही ईएसआई जैसी कोई सुविधा प्राप्त है।
“इस भर्ती प्रक्रिया की नियमावली सामने आने के बाद शिक्षामित्रों और अनुदेशकों में सरकार के प्रति नाराजगी साफ देखी जा सकती है। शिक्षामित्र नेता और ब्लॉक क्यारा के अध्यक्ष धर्मेंद्र पटेल का कहना है कि हमें इस बात से कतई गुरेज नहीं है कि सरकार किसी अन्य कर्मचारी को क्या सौगातें दे रही है, लेकिन हमारा तो कहना केवल इतना है कि शिक्षामित्र और अनुदेशक भी आखिर इंसान है बीमार वह भी हो सकते हैं तो उन्हें चिकित्सा सुविधा के रूप में आज तक सरकार ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत उन्हे क्यों सम्मिलित नहीं किया ? सरकार की इसी दोहरी मानसिकता से प्रतीत होता है कि वह अपने समय की भर्तियों में कर्मचारियों का पूरा ख्याल रखेगी, लेकिन पूर्व की भर्तियों को तिरछी निगाह से ही देखेगी।”
धर्मेंद्र पटेल, ब्लॉक अध्यक्ष क्यारा, शिक्षामित्र संघ बरेली।
“बात अगर अनुदेशकों की करें तो ब्लॉक क्यारा के ही ब्लॉक अध्यक्ष अमित यादव का कहना है कि सरकार द्वारा कर्मचारियों में भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है। हम 11 वर्षों से विभाग में सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन आज तक हम अनुदेशकों को ना ही पीएफ की सुविधा दी गई है और ना ही चिकित्सा के नाम पर कोई सुविधा मिल सकी है। मानदेय बढ़ोतरी की तो बात ही छोड़ दीजिये।”
अमित यादव,
ब्लॉक अध्यक्ष क्यारा, अनुदेशक संघ बरेली।