बरेली। शेर अली जाफरी और विजय शर्मा की जोड़ी ने 3 करोड़ 79 लाख रुपये का घोटाला कर सैकड़ो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया। इस घोटाले का कभी फंडा फोड़ नहीं होता अगर फर्जी डिग्री लेने वाले छात्र बड़े सस्थानों या सरकारी नौकरी में इन डिग्रियों को नहीं लगाते। छात्रों को तभी इसकी जानकारी हुई, जब उन्होंने इन फर्जी डिग्रियों को बड़े सस्थानों में लगाया।
वहीं इस मामले में पुलिस खुसरों कॉलेज के मालिक शेर अली जाफरी उसके बेटे फिरोज अली जाफरी और कथित डाक्टर विजय शर्मा को जेल भेज चुकी है। उसके बाद पुलिस इस मामले में अन्य लोगों की जांच में जुट गई है। जिस कारण जाफरी के करीबियों में बेचैनी है। जाफरी ने छात्रों के भविष्य से ही खिलवाड़ नही किया। यहां तक की उसने अपने कई रिश्तेदारों को तक फर्जी डिग्री को रेवड़ी की तरह बाट दिया अब डिग्री लेने वाले उसके रिश्तेदार परेशान हैं।
कई लोग आ सकते हैं जांच के घेरे में जाफरी के कॉलेज में काम करने वाले उसके कई रिश्तेदार व करीबी इस काले काम में उसके साथ थे। फर्जी डिग्री उनके खुसरों टावर में बेटा मुन्ना तैयार करता था। विजय शर्मा इसमें अपना सहयोग देता था। इसके साथ ही जाफरी के कई अन्य सहयेागी भी जांच के घेरे में आ रहे हैं। पुलिस ऐसे करीबियों की जानकारी जुटाने में लगी है।
मंहगे फोन रखने का शौकिन था विजय शर्मा
विजय शर्मा ने काली कमाई से करोड़ो रुपये अर्जित कर लिए उसके बाद उसके शौक भी महगें हो गए। वह महंगा आईफोन रखने के साथ ही महंगी कार भी रखने का शौकीन था। उसने अपने एक रिश्तेदार की शह पर अपनी धार में आर्मी लिखवा रखा था। जिसे लेकर वह अक्सर बाहर घुमने जाता था। लंबी कद काठी के कारण उसे लोग आर्मी अधिकारी समझते थे।
कभी नहीं गया कालेज फिर भी बन गया डाक्टर
विजय शर्मा कभी भी कालेज नहीं गया। लेकिन उसे डाक्टर बनने का शौक था। जिस कारण उसने आंवला के एक काॅलेज बिना वहां जाए नेचुरौपैथी कोर्स और योग कर फर्जी डाक्टर की डिग्री बनवा ली। खुद को डाक्टर बताने लगा। अपना अस्पताल खोलने के बाद उसने अपने एक रिश्तेदार का भी अस्पताल खुलवा दिया। वह कोलकता की एक एकेडमी का कार्ड रखता था। जिस पर बीएसएम लिखा था। यह आईकार्ड भी फर्जी बताया जा रहा है।