फरीदपुर (बरेली)। श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पंडित केसव शरण शर्मा ने कहा की मनुष्य को अपना जीवन ऐसा बना लेना चाहिए कि मृत्यु के समय भगवान का स्मरण बना रहे क्योंकि भगवान का नाम ही भवसागर से पार करने वाला है। उक्त विचार श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कस्बा के भारत माता मंदिर पर व्यक्त किया। चौथे दिन सती मोह का प्रसंग, परीक्षित जी द्वारा सुखदेव जी महाराज से पूछने पर की मरणासन्न व्यक्ति को क्या करना चाहिए इस पर कथा व्यास पंडित केशव शरण शर्मा ने कहा कि यदि भवसागर से पार होना है।
तो भगवान का स्मरण करें। जो मनुष्य अपना कर्तव्य निभाते हैं वह सागर से पार हो जाते हैं। सभी को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। कथा व्यास केशव शरण शर्मा के श्री मुख से श्रृंगी ऋषि द्वारा राजा परीक्षित को श्राप, ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि विस्तार, बाराह अवतार की कथा, कपिल भगवान द्वारा अपनी माता देवहूति को भक्ति, सति मोह एवं ध्रुव चरित्र की कथाएं बड़े रोचक ढंग से सुनाई गई। श्रोता कथा भाव विभोर होकर सुन रहे थे।
इस अवसर पर मुख्य यजमान जयेंद्र पाल सिंह, मीरा देवी, शैलेंद्र सिंह, अंकित सिंह, रवि सिंह, राखी सिंह, अमित तोमर, राहुल सिंह, कुलदीप सिंह, शिव कुमार सिंह आदि भक्त उपस्थित रहे। कथा व्यास पंडित केशव शरण शर्मा ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा 29 सितंबर तक प्रतिदिन दोपहर दो बजे से छ बजे तक प्रसाद वितरण के साथ होगी तथा हवन और प्रसाद वितरण 30 सितंबर को सुबह 8 बजे किया जाएगा।